मंगलवार, 27 सितंबर 2011

छत्तीसगढ़ के गहनों को जानिए नगीन से


2 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छा लगा. हमेल में जो सिक्के टंके होते हैं (अरबी में लिखे हुए) वे वास्तव में सिक्के नहीं हैं. स्थानीय सुनार ठप्पों से बनाया करते थे.

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  2. पंहुची, खिनवा, रूपिया, करधन, बिछिया, पैइरपट्टी, सूंता, संग पीपली दास मानिकपुरी, अहा! नगीन को अपने छत्‍तीसगढ़ी गहनो के साथ देखना बहुत अच्‍छा लगा.
    जय महादेव की! हबीब सर, देख रहो हो आप भी] चोला माटी के हे ना?

    इस वीडियो के लिए बहुत बहुत केवल भाई.

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