राजिम कुंभ में कैमरा लिए भटक रहा था, यह तस्वीर मिली।इस श्रृंखला की तस्वीर तब दैनिक छत्तीसगढ़ में छपी थी। अखबार और संपादक श्री सुनील कुमार के पुनः आभार के साथ यह पोस्ट
केवल भाई आपकी लेखन क्षमता और फोटोग्राफी का तो मैं कायल हूं, मुझे आज भी याद है गुजरात का भूकंप और वो त्रासदी और आपकी खींची तस्वीरें। बहरहाल, इस तस्वीर को देखकर एक शेर याद आ गया,
''वो तस्वीर लाखों में बिक गई दोस्तों, जिसमें रोटी के बगैर बच्चा उदास था।''
yese kitne hai
जवाब देंहटाएंes samaj may
बेहतरीन तस्वीर....
जवाब देंहटाएंकेवल भाई आपकी लेखन क्षमता और फोटोग्राफी का तो मैं कायल हूं, मुझे आज भी याद है गुजरात का भूकंप और वो त्रासदी और आपकी खींची तस्वीरें।
बहरहाल, इस तस्वीर को देखकर एक शेर याद आ गया,
''वो तस्वीर लाखों में बिक गई दोस्तों,
जिसमें रोटी के बगैर बच्चा उदास था।''