मेडिकल कालेज रायपुर के इतिहास में 50 वर्षों में केवल 4 लोगों ने देहदान किया था। इस प्रकार 12 वर्षों में केवल एक ही देहदान होता था, लेकिन सामाजिक संस्था बढ़ते कदम के प्रयासों से मेडिकल कालेज रायपुर को 3 वर्ष में 12 शव मिले हैं। अब न केवल चिकित्सा छात्रों बल्कि डेंटल, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक एवं नर्सिंग कालेज के विद्यार्थी भी उपलब्ध देहदान पर खोज एवं अनुसंधान करने लगे हैं। स्व.हर्षा रामवानी का मेडिकल कालेज को किया गया देहदान, संस्था द्वारा करवाया गया 31वां देहदान था।
बढ़ते कदम संस्था के देहदान प्रभारी प्रेमचंद छाबड़ा एवं राजेश वाधवानी ने बताया कि अवनि विहार दलदलसिवनी निवासी हर्षा रामवानी का कल 24 नवंबर को कैंसर की बीमारी से एक निजी नर्सिंग होम में निधन हो गया था। उनके पति रमेश रामवानी ने बताया कि हर्षा ने लगभग एक वर्ष पूर्व देहदान करने की इच्छा व्यक्त की थी। वे समय-समय पर देहदान करने के लिए स्मरण भी कराती रहती थीं। उन्हें यह प्रेरणा अखबारों के माध्यम से मिली थी। उनके अनुसार शव की उपयोगिता खोज एवं अनुसंधान में है। उनके परिवार में 2 बेटियां हैं। बड़ी बेटी भावना जैसिंघ मुंबई में विवाहित हैं एवं वर्तमान में अमेरिका में हैं। छोटी बेटी दिव्या देवानी नासिक में विवाहित हैं। उनके पति रमेश रामवानी बारदाने का व्यवसाय करते हैं।
(यह पोस्ट संस्था द्वारा जारी प्रेस नोट पर आधारित)
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