मनोज व्यास |
रायपुर से मनोज व्यास
ग्लोबल वार्मिंग या प्रदूषण ऐसी समस्या नहीं है कि चिमनियों ने एक दिन भयंकर धुआं उगला और दूसरे दिन बादल आ गए, बारिश हो गई। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक रायपुर समेत राज्य में ताजा बारिश नार्थ-ईस्ट के सिस्टम का नतीजा है। लेकिन पर्यावरणविद कुछ अलग ही बात उठा रहे हैं। उनका कहना है कि रायपुर और आसपास मौसम में बदलाव कुछ ज्यादा तेजी से देखने में आ रहे हैं। खंडवर्षा या पाकेट रेन से राजधानी और आसपास का बेल्ट ज्यादा प्रभावित है। जानते हैं, पाकेट रेन के लिए हवा में कार्बन पार्टिकल्स की अधिकता भी बड़ी जिम्मेदार है। और रायपुर में इसकी कमी नहीं है।
ठंड में गर्मी का रिकार्ड बनाने के बाद अचानक मानसून जैसे मौसम ने लोगों की उलझन बढ़ा दी है। दो दिन पहले तक ठंड ने दस्तक भी नहीं दी थी, लेकिन अचानक झमाझम बारिश के बाद शीतलहर के हालात हैं। विशेषज्ञ कहते हैं, बारिश के दिनों में न तो झड़ी लगी, न ही शहर भर में एक साथ झमाझम पानी गिरा। इस साल खंडवर्षा ही ज्यादा हुई है। जानकारों का कहना है कि उरला-सिलतरा इंडस्ट्रियल बेल्ट से बड़े पैमाने पर कार्बन पार्टिकल्स निकल रहा है। कार्बन के भी दो तरह के पार्टिकल्स हैं। इनमें से एक टेंपरेचर को एब्जार्ब कर लेता है, जिसकी वजह से ठंड का अहसास होता है, जबकि दूसरी तरह के पार्टिकल्स टेंपरेचर को बढ़ा देते हैं।
दो दिन पहले ठंड के मौसम में सर्वाधिक तापमान रिकार्ड किया गया। बुधवार को बारिश के साथ चल रही ठंडी हवाओं ने लोगों को कंपा दिया था, उस दौरान भी शहर का तापमान सामान्य से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक था। इन परिस्थितियों के लिए पर्यावरणविद प्रदूषण को प्रमुख कारण मान रहे हैं। पर्यावरण विशेषज्ञ इसे बड़े खतरे का संकेत मानते हैं। गौरतलब है कि प्रदूषण के बढ़ते ग्राफ ने राजधानी में ठंड पर ब्रेक लगा दिया है। कारखानों से निकलने वाले कार्बन कण सीधे तापमान को प्रभावित कर रहे हैं। गंभीर बात यह है कि प्रदूषण में कंट्रोल के बजाय आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
पाकेट रेन का फंडा
स्टील या थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाले सक्रिय कार्बन व आयरन का क्षेत्रफल अन्य स्त्रोतों से निकलने वाले कार्बन व आयरन से दोगुना होता है। यह अपने बाहरी आवरण में धूल कणों में मौजूद जहरीली गैसों को चिपका लेता है। साथ ही वायुमंडलीय नमी के साथ क्रिया कर वर्षा की बंूदों को निर्धारित साइज से छोटा या बड़ा कर देता है। इसी वजह से खंडवर्षा या पाकेट रेन •ाी होती है।
एक्सपर्ट कमेंट्स
0 अभी नार्थ इस्ट मानसून का समय है। बंगाल की खाड़ी में तूफान की वजह से उत्तरी आंध्रप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ में बारिश हो रही है। तापमान बढ़ने के लिए प्रदूषण जिम्मेदार होता।
-डा. एएसआरएएस शास्त्री
डायरेक्टर रिसर्च, कृविवि
0 इंडस्ट्रियलाइजेशन से एट्मास्फियर में कार्बन पार्टिकल्स बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से टेंपरेचर क•ाी कम, या अचानक ज्यादा हो जाता है। कार्बन की वजह से ही ऐसे चेंज नजर आ रहे हैं।
-डा. शम्स परवेज
प्रोफेसर, रविवि
... saarthak abhivyakti !!!
जवाब देंहटाएं