सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

छत्तीसगढ़ में बनेगा हाथी रिजर्व क्षेत्र



वन मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया फैसला

    
छत्तीसगढ़ में जंगली हाथियों के संरक्षण और सुरक्षित रहवास के लिए हाथी रिजर्व क्षेत्र बनाया जाएगा। यह रिजर्व क्षेत्र तीन अलग-अलग क्षेत्रों में जशपुर जिले के बादलखोल अभ्यारण, सरगुजा जिले के सेमरसोत अभ्यारण और तमोरपिंगला अभ्यारण में लगभग 1200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। इस रिजर्व क्षेत्र को आपस में कोरिडोर के जरिए जोड़ा जाएगा। वन मंत्री श्री विक्रम उसेण्डी की अध्यक्षता में आज दोपहर यहां मंत्रालय में आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया।
    उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र विशेषकर सरगुजा, कोरबा और जशपुर जिलों में जंगली हाथियों की समस्या रही है। वर्तमान में लगभग डेढ़ सौ हाथियों द्वारा अनेक समूहों में राज्य के विभिन्न जंगलों और उससे लगे ग्रामीण क्षेत्रों में विचरण करते रहते हैं। हाथियों के लिए विशेष रिजर्व क्षेत्र घोषित करने से इन क्षेत्रों को हाथियों के लिए आदर्श क्षेत्र के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। हाथियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र विकास के लिए अलग से कार्ययोजना बनाया जाएगा। इन क्षेत्रों में पर्याप्त जलाशय, उपयोगी खाद्य प्रजाति जैसे बांस और घास पौधों का रोपण किया जाएगा। इसके अलावा आस पास के क्षेत्र में पारिस्थितिकीय पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय ग्रामीणों को आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। हाथी रिजर्व क्षेत्र में बादलखोल अभ्यारण क्षेत्र के 104 वर्ग किलोमीटर, सेमरसोत अभ्यारण के 430 वर्ग किलोमीटर और तमोरपिंगला क्षेत्र के 608 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल होगा। इन्हें आपस में कोरिडोर (गलियारा) के जरिए जोड़ा जाएगा। इन कोरिडोर से होकर हाथियों का समूह रिजर्व क्षेत्र में आवागमन कर सकेगा। इन रिजर्व और कोरिडोर क्षेत्र का निर्धारण करते समय व्यापक सर्वेक्षण किया गया है।
    बैठक में अधिकारियों ने बताया कि हाथियों के उत्पात से पिछले पांच वर्षों में जनहानि, जनघायल, मकान क्षति और फसल क्षति के लिए मुआवजा के रूप में राज्य शासन द्वारा साढ़े छह करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति राशि वितरित की गई है। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राज्य के अतिसंवेदनशील दस ग्रामों में हाथियों के ग्रामीण क्षेत्रों में अतिक्रमण को रोकने के लिए एक सौ किलोमीटर क्षेत्र में सोलर फेन्सिंग का कार्य शुरू हो गई है। इसके अलावा वन्य प्राणी से संबंधित अन्य योजनाओं और बजट की भी समीक्षा की गई। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री नारायण सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री आर.के.शर्मा, मुख्य वन्य प्राणि अभिरक्षक श्री रामप्रकाश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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