मेरे लिए
मेरी दुनिया वही है
जो है ठीक सामने मेरे
यानी वो दुनिया
जो ठीक पीछे है
तुम्हारी पीठ के
...और तुम्हारे लिए
मेरी पीठ कि दुनिया
तुम्हारी दुनिया है
तुम ठीक सामने हो मेरे
अपनी दुनिया के भीतर
और मै हूँ
अपनी दुनिया के भीतर
इस तरह
अपनी-अपनी दुनियाओं में
या यूँ कहें
कि इक-दूजे कि दुनियाओं में
खड़े-खड़े हम
कर रहे है परिभाषित इक-दूजे को
मिला रहे है हाथ
अपनी-अपनी दुनियाओं के प्रतिनिधि की तरह
...और हमसे थोड़ी ही दूर
एक तीसरी दुनियां में खड़ा कोई
हंस रहा है हम पर
किस कदर
देखो न!
बढिया भाव हैं,उम्दा अभिव्यक्ति। कृपया "हंस" को "हँस" कर लें :)
जवाब देंहटाएंBEAUTIFUL LINES
जवाब देंहटाएंतीसरी दुनिया वाले को ही पूरा आनन्द आता है..
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