रविवार, 13 नवंबर 2011

नमामि अहं

मंजू साईंनाथ

This is a parody devoted to the notorious man from Karnataka who was minister and is now in a Hyderabad Jail.


जय जनार्दना, प्रभु बेल्लारी पते,
जनविमर्दना, स्वामी लोक भक्षणा.
गगनगामी त्वं, विमान वाहना.
लौह पुरुष त्वं, सदा स्वर्ण धारणा.

दुर्जन बान्धवा, सदा दुष्ट सहायका
सुजन नाशना प्रभु त्वं भयंकरा,
वैभवं यथा, इन्द्रयो समः
विलास जीवना, प्रबल प्रवंचना

प्रचंड प्रहारका, स्वामी त्वं मारका,
अदृष्टवशात कारागृहे वासवस्थितौ.
मृत्युतुल्य त्वं येड्डी गर्वभंजना,
प्रचोदयेत सदा, असंत्रुप्ती भावना.



(फेसबुक पर मंजू साईंनाथ की पोस्ट ज्यों की त्यों)

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