मेरे घर की देहरी लांघ रहे थे तो मैंने अभिवादन किया। वे मुझसे ही मिलने आ रहे थे, लेकिन ताज्जुब उनका ध्यान मेरी ओर बिलकुल नहीं था। मेरे अभिवादन की ओर भी नहीं। मेरे नमस्कार को दरकिनार करते वे सीधे जमीन पर झुके और कुछ बिन लिया। जब सीधे हुए तो उनके हाथ में फुलझड़ियां थीं-उन्होंने कहा, ये जलीं नहीं हैं। कितने ही बच्चे इन फुलझड़ियों के मोहताज हैं। इन्हें रख दीजिए, कभी काम आएंगी।
आरीफ जमाली |
इस बेहद संवेदनशील आदमी से यह मेरा पहला परिचय था। बिना नाम और बिना काम का परिचय। बाद में पता चला कि वे आरीफ भाई है, नागपुर में रहते हैं। कामठी में जुलाहे हैं और शायरी करते हैं। लिखने-पढ़ने वालों को यहां-वहां सूंघते फिरते हैं। मेरे मोहल्ले में आलोक सातपुते जी के मेहमान बने तो मेरे घर भी उनका आना हुआ। उनकी कुछ गजलें सुनने को मिलीं। इन गजलों ने मुझे भीतर तक छू लिया। आरीफ जमाली साहब से मैंने निवेदन कर इस ब्लाग के लिए कुछ गजलें मांग लीं। पेश हैं-
बोलती हैं
खमोशी की सदाएं बोलती हैं
मैं चुप हूं पर वफाएं बोलती हैं
यतीमी का मुझे ताना न दीजै
अभी मां की दुआएं बोलती हैं
नहीं कद्रदाने फन हमारा
अजंता की गुफाएं बोलती हैं
बरहना तन हैं जो उनकी खबर लो
मजारों की रिदाएं बोलती हैं
तुम ही हो अपनी बहनों का सहारा
यहां बेटों से मांएं बोलती हैं
अगर मुफलिस हो मत बीमार होना
यहां महंगी दवाएं बोलती हैं
जमीं जब जुल्म से भर जाए आरीफ
फलक पर बद्दुआएं बोलती हैं
गजल-2
फकीरे
हाथ में है किशकोल फकीरे
बोल तू मीठे बोल फकीरे
मंजिल तुझको पाना है तो
बिस्तर को मत खोल फकीरे
बेटी चलती है रस्सी पर
बाप बजाए ढोल फकीरे
दिल कोई बाजार नहीं है
प्यार को नाप न तोल फकीरे
कम कीमत है आज वफा की
ये शै थी अनमोल फकीरे
बारूदी हैं आज फजाएं
जग जाएगा डोल फकीरे
हमराही बेचैन हैं आरीफ
कानों में रस घोल फकीरे
किशकोल-दानपात्र
आरीफ जमाली जी का पताः-
डा.शेख बुनकर कालोनी
पोस्ट कामटी
441002, जिला नागपुर (महाराष्ट्र)
इंडिया
मोबाइल-86 98 84 90 22
कशमकश और असमंजस से, जिन्दगी अपनी घिरी |
जवाब देंहटाएंढूंढते देवेन्द्र पांडे , इक अदद उल्लू सिरी |
हैं बद्दुआएं फलक पर, दो चार मिलती फिरी |
बाजार में कबिरा सिखाये, क्वालिटी कितनी गिरी |
आपकी उत्कृष्ट पोस्ट का लिंक है क्या ??
आइये --
फिर आ जाइए -
अपने विचारों से अवगत कराइए ||
शुक्रवार चर्चा - मंच
http://charchamanch.blogspot.com/
वाह पहली बार पढ़ा आपको बहुत अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया ..
जवाब देंहटाएंखुबसूरत प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंआभार महोदय |
शुभकामनायें ||
वाह! छोटे बहर की हद उम्दा ग़ज़लें।..आभार आपका..आभार चर्चा मंच का।
जवाब देंहटाएंअगर मुफलिस हो मत बीमार होना
जवाब देंहटाएंयहाँ महँगी दवाएं बोलती हैं .....
वाह बहुत खूब सचो को ब्यान करती खूबसूरत गजल
Its too good...
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